'जहां तक अकादमिक क्षेत्र से प्रत्याशी लेने की बात है तो भाजपा के पास ऐसा कोई व्यक्ति दिखाई नहीं देता जिसकी अकादमिक क्षेत्र में अखिल भारतीय स्तर पर प्रतिष्ठा हो।
अर्थशास्त्री जगदीश भगवती का नाम ध्यान आता है, लेकिन क्या राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों गुजरात से हो सकेंगे? हमें यह भी नहीं पता कि प्रोफेसर भगवती भारत के नागरिक हैं या अमेरिका के? वैसे किसी अकादमिक को राष्ट्रपति बनाने की परंपरा डॉ. जाकिर हुसैन के बाद से समाप्त हो चुकी है।
बाद के राष्ट्रपतियों में कुछ की विद्वता पर संदेह नहीं, लेकिन अकादमिक वातावरण से उन्होंने बहुत पहले अवकाश ले लिया था। जहां तक किसी न्यायाधीश को नियुक्त करने की बात है तो जस्टिस गोपाल स्वरूप पाठक और जस्टिस एन. हिदायतुल्ला कांग्रेस के दौर में उपराष्ट्रपति तो बने, राष्ट्रपति बनने का अवसर उन्हें भी नहीं दिया गया।
जनसंघ ने अवश्य जस्टिस कोका सुब्बाराव को 1967 में राष्ट्रपति पद के लिए खड़ा किया था लेकिन वे चुनाव हार गए थे।'
(देशबन्धु में 24 मार्च 2016 को प्रकाशित)
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